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स्कूल का पुराना भवन हुआ जर्जर, अब बनती है देसी शराब…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से महज 13 किमी दूर घुटकू रेलवे स्टेशन के पास खोलीपारा है। यहां बस्ती के आखिरी में इंदिरा आवास है। यहां तक पहुंचने के लिए तालाब की मेड़ से होकर जाना पड़ता है। एक कमरे में पहली से पांचवीं तक कक्षाएं चल रही हैं। यहां 13 बच्चों ने एडमिशन लिया है, जिनमें से 10 बच्चे ही स्कूल आए थे। इन्हें पढ़ाने के लिए एक ही टीचर थीं, जो कड़ी मशक्कत से यहां तक पहुंचती हैं।

स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को तीन रेल लाइन पार करना होता है। ट्रैक पार करते समय बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई साथ नहीं होता। इस मोहल्ले तक पहुंचने के लिए और दूसरा रास्ता भी नहीं है। बच्चे कीचड़ मे गुजरकर स्कूल पहुंचते हैं। शिक्षिका खगेश्वरी दुबे ने बताया, गांव के ही मुकेश लोनिया ने बच्चों को पढ़ाने के लिए इंदिरा आवास का एक कमरा दिया है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है। तालाब के मेढ़ के चारों और खेत हैं। यहां लगभग 32 परिवार रहते हैं। हालत यह है बच्चों के लिए स्कूल बिल्डिंग नहीं है। पुराना भवन जर्जर हो चला है, जहां चोरी-छिपे शराब बनाई जा रही है।

बारिश में पैदल ही जा सकते हैं

स्टेशन पारा में रहने वाले सुखी वर्मा ने बताया कि बाकी दिनों में बच्चे साइकिल या बाइक से घर तक आना-जाना करते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में दो-तीन महीने रेलवे स्टेशन के पास बाइक खड़ी कर पैदल जाना पड़ता है। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने कहा कि यहां सात परिवार रहते हैं खेत के बीच में स्कूल उचित नहीं है।

स्कूल को बना दिया गोदाम

स्टेशन पारा का स्कूल खाली होने के बाद वहाँ रहने वालों ने कब्जा कर लिया है। वहां अब शराबखोरी की जा रही है। भास्कर की टीम को यहां डिब्बों में महुआ शराब रखी दिखी। यहां लकड़ी और दूसरे सामान भी रखे जाते हैं।

तीन से पांच साल के बच्चों की जान खतरे में

2004-05 में इस मोहल्ले में प्राइमरी स्कूल भवन बनाया गया था, अब इसकी हालत काफी खराब हो चुकी है। खेत के बीछे बीच होने के कारण स्कूल के चारों ओर घुटने तक पानी भर जाता है। खोलीपारा के बच्चों को बढ़ा नवापारा खेत को मेढ़ से स्कूल आना पड़ता था। इस बार इस स्कूल को बंद कर खोलीपारा में मिले इंदिरा आवास में चला रहे हैं।

पुराने भवन में चोरी-छिपे शराब बनाई जा रही हैं। प्रदेश में सबसे अधिक बजट यानी 16 हजार 522 करोड़ रुपए बजट है स्कूल शिक्षा विभाग का सरकार नित नई योजना ला रही हैं, ताकि स्कूल और स्कूलिंग की स्थिति सुधरे, लेकिन जब उधार के इंदिरा आवास में स्कूल चल रहा हो और यहां तक पहुंचने का रास्ता भी न हो तो चौकाना स्वाभाविक है।

प्रमोशन के कारण एक शिक्षक बचे होंगे

जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने बताया कि प्रमोशन के कारण स्कूल में एक शिक्षक होंगे। बच्चों को संख्या कम होगी तो उसे बंद कर दूसरी तरफ शिफ्ट किया जा सकता है। इसकी जांच कराई जाएगी।

Bol CG Desk

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