छत्तीसगढ़ में चल रहा है ट्रांसफर उद्योग, चुनावी फंड जुटाने कांग्रेस सरकार का फंडा, भू-पे करो, ट्रांसफर लो, भू-पे करो पोस्टिंग लो
![](https://bolchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2023/10/transfer.jpg)
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर आचार संहिता लागू होने वाली है। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ में विकास कार्यों को गति देने के बजाए कांग्रेस सरकार ट्रांसफर पोस्टिंग और घोटालों को गति प्रदान कर रही है। छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर पोस्टिंग का उद्योग चल रहा है। यह बात किसी से छिपा नही है। PSC का घोटाला तो पूरे देश ने देखा है और आज इस सरकार में पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल भी देख रहे हैं।
अचार सहिंता के पूर्व कांग्रेस सरकार पार्टी फंड में बढोतरी करने और चुनावी फंड जुटाने में लगी है। हर शासकीय विभाग में ट्रांसफर का सिलसिला चल पड़ा है। छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। पुलिस विभाग में जो अधिकारी पैसा नहीं देता, उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसी का परिणाम है कि पुलिस वसूली करने के लिए सटोरियों और भूमाफियाओं को सरंक्षण दे रही है। भूमाफिया वसूली कर, पैसा सरकार को भेज रहे हैं। भाजपा ने सटोरियों और भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। कांग्रेस राज में एक उद्योग फल फूल रहा है, वो है ट्रांसफर उद्योग। जितने भी पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी हैं, उनको कांग्रेस के नेता ट्रांसफर उद्योग का शिकार बना रहे है।
भाजपा का आरोप है कि “जो व्यक्ति मंथली रिचार्ज नहीं करवाता, टॉप अप नहीं करवाता, कांग्रेस के नेता उनका ट्रांसफर करवा देते हैं। इसलिए ये सटोरियों को संरक्षण देकर, अवैध शराब को संरक्षण देकर, हर तरह से पैसे की वसूली कर रहे हैं। इसलिए देख रहे है कि, सटोरियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। भारत सरकार के आईटी के अधिकारियों ने इन सटोरियों के खिलाफ थाने में एफआईआर करने के लिए रिपोर्ट सौंपी है। लेकिन महीनों बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। भूमाफिया के खिलाफ नगर पालिका के सीएमओ थाने में पत्र दे रहे हैं, उस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, आबकारी विभाग, वन विभाग ऐसा कोई विभाग नही बचा है। सभी जगह ट्रांसफर का खेल चल रहा है। ट्रांसफर उद्योग से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पैसे बटोरने में लगी हुई है।