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भूपेश बघेल का फर्जी छत्तीसगढ़ियावाद, छत्तीसगढ़ के बेटे बेटियों का हक छिनने वाली कांग्रेस सरकार का सच…

रायपुर : छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी अखबार दैनिक जागरण समूह के एक अखबार नई दुनिया के संपादक को तोहफा दिया। भूपेश बघेल जिस छत्तीसगढियावाद का ढिढोरा पूरे देश में पीट रहे थे, सत्ता पाने के लिए उसे ही भूल गए। छत्तीसगढ के एक बच्चे का हक मारकर बिहार मूल की छात्रा का मेडिकल में प्रवेश कराया गया।

नईदुनिया के संपादक ने अपने पद का दुरूपयोग करके सरकार से नजदीकी का फायदा उठाया।नई दुनिया रायपुर के संपादकीय प्रभारी सतीश श्रीवास्तव ने अपनी बेटी आली का मेडिकल में प्रवेश दिलाने के लिए सरकार के करीबी लोगों से संपर्क किया। सरकार के करीबी लोगों ने सतीश श्रीवास्तव का फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाया और जिसके आधार पर उनकी बेटी आली का जगदलपुर मेडिकल कालेज में बडी आसानी से प्रवेश हो गया।

सतीश श्रीवास्तव ने मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने में किस तरह गडबडी की, उसका सिलसिलेवार विवरण यह है।

आली का प्रवेश ईडब्ल्यूएस कोटे में हुआ है। प्रदेश में भाजपा ने पीएससी घोटाले से लेकर अन्य घोटालों की जांच का वादा किया है। ऐसे में फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र की जांच करके निरस्त करने की शिकायत रायपुर कलेक्टर के पास पहुंच गई है। उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार इस प्रकरण को गंभीरता से लेकर एक छत्तीसगढी बेटे-बेटी को उसका वाजिब हक दिलाएगी और बिहारी मूल की छात्रा का मेडिकल में प्रवेश निरस्त कराएगी।

सतीश श्रीवास्तव नई दुनिया रायपुर में वर्ष 2019 में पदस्थ हुए। वह जिस मकान में किराए पर रहते थे, उसका पता अपने आधार कार्ड में दर्ज कराया। पार्षद से सेटिंग करके न सिर्फ राशनकार्ड बनवाया, बल्कि पार्षद से एक प्रमाण पत्र लिया, जिसमें यह उल्लेख कराया कि वह यहां 17 साल से रहते हैं। देवेंद्र नगर के शहीद हेमू कलाणी वार्ड के कांग्रेस पार्षद हरदीप होरा बंटी ने यह प्रमाण पत्र जारी किया।

ऐसे किया मेडिकल कालेज में प्रवेश के लिए फर्जीवाडा

सतीश श्रीवास्तव ने अपनी बेटी आली की कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवी का भाठागांव के कार्डिनल पब्लिक स्कूल से फर्जी मार्कशीट बनवाई। जबकि उसने कभी भी छत्तीसगढ में पढाई नहीं की है। स्कूल में सेटिंग कराने में कांग्रेस के एक नेता की भूमिका बताई जा रही है, जो विधानसभा चुनाव में रायपुर उत्तर से कांग्रेस की टिकट के दावेदार थे और उनके भाई प्राइवेट स्कूल एसोशिएसन के प्रमुख पदाधिकारी हैं।

नई दुनिया रायपुर के महाप्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह ने एक प्रमाण पत्र जारी किया है, जिसमें सतीश श्रीवास्तव को रायपुर में नवंबर 2013 से कार्यरत बताया गया है। इसका प्रयोग मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने में किया गया। इस झूठे प्रमाण पत्र की जांच की जा सकती है। 2019 से पहले सतीश श्रीवास्तव जागरण की पानीपत यूनिट में कार्यरत थे। उससे पहले वह नोएडा में पदस्थ थे। वह 2013 में जागरण समूह कि किसी भी यूनिट में कार्यरत ही नहीं थे।

सतीश श्रीवास्तव ने शपथ पत्र दिया है कि वह 17 साल से रायपुर में हैं। उनकी बेटी आली ने भी शपथ पत्र दिया है कि वह राज्य के बाहर कभी गई ही नहीं हैं। जबकि आली की दसवीं की परीक्षा पानीपत और बारहवीं की परीक्षा नोएडा के स्कूल से पास की है। दोनों मार्कशीट की छायाप्रति मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जमा की गई है।

रायपुर तहसीलदार ने नवंबर 2021 में जो मूल निवासी प्रमाण पत्र जारी किया है, उसमें यह बताया गया है कि सतीश श्रीवास्तव के पास पिछले पांच साल से अचल संपत्ति है। जबकि इससे संबंधित कोई दस्तावेज जमा नहीं किया गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि आली में तीन साल प्रदेश के स्कूल में लगातार पढाई की है। इसके लिए कार्डिनल पब्लिक स्कूल की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल किया गया है।

सत्ता बदलते ही खुलने लगी भूपेश सरकार की पोल

भूपेश बघेल के सत्ता से बाहर होते ही छत्तीसगढियावाद की जद में आए अधिकारियों ने उनके कारनामों की पोल खोलना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने मेडिकल कालेज में प्रवेश घोटाले से जुडे दस्तावेज भाजपा के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा दिए हैं। मेडिकल कालेज में प्रवेश के लिए लाखों खर्च होता है। जबकि सत्ता के करीबी लोगों ने महज अपने स्वार्थ के लिए प्रदेश के मूल निवासी एक छात्र का भविष्य खराब किया है। जिसका फायदा एक बिहारी मूल की छात्रा ने उठा लिया।

हालांकि बोल छत्तीसगढ़ इस न्यूज की प्रामाणिकता को स्वीकार नहीं करता। यह खबर इस https://highwaycrimetime.in/archives/17544 )आर्टिकल के रेफरेंस पर बनाई गई है

Bol CG Desk

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